January 30, 2008
ब्लॉग किस चिड़िया का नाम है
जब पहली बार साथी अभिषेक को कम्प्यूटर में आंखे गड़ाए, अजीब-अजीब से चिट्ठे पढ़ते देखा तो कुछ जिग्यासा हुई। शुरू-शुरू में ज्यादा रुचि नहीं ली। लेकिन उसकी दीवानगी बढ़ती ही जा रही थी। हमसे भी रहा नहीं गया। फिर कुरेदा, तो पता चला यह ब्लॉग नामक जंजाल है। फिर मन में सवाल उठा आखिर यह किस चिड़िया का नाम है। यह होना भी था, क्योंकि तकनीकी समझ में तो बिलकुल जीरो हैं। अभिषेक ने मागॆदशॆन किया कि यह अपनी बात कहने का मंच है। यहां कोई भी स्वयं को अभिव्यक्त कर सकता है बिना किसी लाग-लपेट के। यानी दिल की बातें कह सकता है। कुछ कही, कुछ अनकही साझा कर सकता है। लेकिन तकनीकी कमजोरी आड़े आ गई। काफी दिन उसमें घुसने की कोशिश करते रहे। पता नहीं, कहां से कहां पहुंच जाते। लेकिन जितना धंसते, उतना डूबते चले जाते। जिग्यासा चरम पर पहुंची। मन में अकुलाहट बढ़ती गई। हो न हो, ब्लॉग अपना भी होना चाहिए। अपन भी दिल की भड़ास निकाल लिया करेंगे। सो, इस तरह शुरूआत हुई ब्लॉग की। और आप जैसे ब्लॉग बन्धुओं से मागॆदशॆन मिलता ही रहेगा।
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