February 22, 2008

नौटंकी शैली की क्रिकेट में नाचेगी बसंती

अब आपको क्रिकेट के नाम पर वनडे कुर्बान नहीं करना पड़ेगा। बोझिल टेस्ट भी नहीं झेलनी पड़ेगी। क्रिकेट का नूडल्स संस्करण मौजूद है अर्थात फटाफट टी-२०। आपके लिए सहुलियत इतनी कि कुत्ता पालना आपकी मजबूरी हो सकती है, लेकिन टीम भावना या देश भावना पालने की हर्गिज जरूरत नहीं। सलाम कीजिए उन सर्जकों को, जिन्होंने यह नई शैली ईजात की है और आपके देश में अवतरित कर रहे हैं। इसे आप नौटंकी शैली की क्रिकेट भी कह सकते हैं। तमाशा भी कह लीजिए। एक एसा तमाशा जिसमें पूरी दुनिया के क्रिकेट बोर्डों की सहमति है। इसमें सारे ताम-झाम मौजूद होंगे। आपका दिल बहलाने के सारे इन्तजामात हाजिर। इसमें क्रिकेट भी होगा। छक्के भी होंगे, मजेदार बाद यह कि इसमें बसंती भी नाचेगी। क्यों नहीं नाचेगी। आपने पैसे फेंके हैं, नाचना उसका जितना कर्त्तव्य है, उतना ही आपका हक। आप हर गेंद पर छक्के की अपेक्षा कर सकते हैं। जब क्रिकेट में मजा नहीं आ रहा हो। छक्के नहीं लग रहे हों, तब आप नजरें हटाकर ठुमके का मजा ले सकते हैं। नीरस क्रिकेट में रस आ सकता है। विदेशी नृतकियां आपको आनंदित कर सकती हैं। ठेठ देशी नजारे भी मन बहला सकते हैं। इस क्रिकेट में जरूरी नहीं कि आप धोनी की तारीफ करें। युवराज से छक्कों की अपेक्षा रखें। उथप्पा से कहें कि चल उठा के मार। हार-जीत की कशमकश में दिमाग की नसों को तकलीफ दें। जैसी कि अब तक इस पीड़ा से दो-चार होते रहे है। आप पोंटिंग से भी रिक्वेस्ट कर सकते हैं। आफरीदी से भी उसी हक से कह सकते हैं, जितना गांगुली से। इंडिया में रहकर पाकिस्तान परस्ती का डर नहीं। यह भौगोलिक सीमाओं से परे का क्रिकेट है। तन-मन से परे विशुद्ध मनोरंजन का क्रिकेट है। दिलों से बाहर मन बहलाव का क्रिकेट है। संवेदन होने से शर्तिया मुक्ति का क्रिकेट है। इसे पिकनिक की तरह लें। यह मान सकते हैं कि आपको आज शाम को परिवार सहित किसी पिकनिक स्पॉट पर घूमने जाना है। बच्चों की जिद्द है। तब आप बीच रास्ते मूड बदलकर स्टेडियम में घुस सकते हैं। वहां सारी झांकियां एक जगह सजी मिलेंगी। या सर्कस समझकर घुस जाइए। वहां भांति-भांति के खिलाड़ी अपने करतबों से मनोरंजन करते नजर आएंगे। हो सकता है, वे आपको जमूरे नजर आएं, क्योंकि उनकी डोर उस बाजीगर के हाथ होगी, जिनके हाथ में उनके गले की रस्सी है। उसने मंडी से बोली लगाकर उन्हें खरीदा है। बाजीगर कहेगा, बोल जमूरे छक्के लगाएगा? हुजूर लगाएगा। बोल विकेट लेगा? लेगा हुजूर। बोल बोल्ड होकर दिखाएगा? दिखाएगा हुजूर, दस बार दिखाएगा। आप कहेंगे तो सब कुछ करेगा। कहिए, यह क्रिकेट हुई, कि तमाशा हुआ या नौटंकी हुई या फिर सर्कस?

2 comments:

नितिन | Nitin Vyas said...

बहुत खूब लिखा है!!

Anonymous said...

aap k agle lekh ka wait kr rha hoon